भारत-अफगानिस्तान का राजनीतिक संबंध अतीत से वर्तमान
डाॅ. रमेश प्रसाद कोल
अफगानिस्तान और भारत एक दूसरे के पड़ोस में स्थित दो प्रमुख दक्षिण एशियाई देश हैं। दोनों दक्षिण एशियाई क्षेत्रिय सहयोग संगठन (दक्षेस) के भी सदस्य हैं। दोनों देशों के बीच प्राचीन काल से ही गहरे संबंध रहे हैं। 21वीं सदी में तालिबान के पतन के बाद दोनों देशों के संबंध फिर से काफी मजबूत हो गए हैं। भारत ने अफगानिस्तान के साथ कई प्रकार के विकासीय समझौते किये हैं। भारत और अफगानिस्तान दोनो एक दूसरे का हमेशा अंतरराष्ट्रीय मंच पर समर्थन करते हैं। द्विपक्षीय रणनीतिक भागीदारी करार 2011 के तत्वावधान में गठित भारत और अफगानिस्तान के बीच रणनीतिक भागीदारी परिषद की द्वितीय बैठक 11 सितम्बर, 2017 को नई दिल्ली में आयोजित की गई। यात्रा के दौरान विदेश मंत्री रब्बानी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से भी भेंट की। प्रधानमंत्री और भारत की विदेश मंत्री ने बल दिया कि दोनों देशों के बीच समय की कसौटी पर खरे उतरे मैत्रीपूर्ण संबंध हैं, तथा उन्होंने एक एकीकृत, संप्रभुत्व, लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण, स्थिर, समृद्ध और बहुलवादी अफगानिस्तान के निर्माण में भारत के निरंतर सहयोग को दोहराया। राजनीतिक और सुरक्षा मुद्दों, व्यापार, वाणिज्य और निवेश, विकास सहयोग, तथा मानव संसाधन विकास, शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्रो में चार संयुक्त कार्यकारी समूहों के परिणामों की समीक्षा की गई और उनका सकारात्मक मूल्यांकन किया गया। इस बात पर आम सहमति बढ़ती जा रही है कि संयुक्त राज्य अमेरिका को अपने विफल युद्धों में ही संलग्न बने रहने के बजाय अब चीन के साथ उभरती भू-राजनीतिक प्रतिस्पद्र्धा के लिये स्वयं को तत्काल तैयार करना चाहिये। तालिबान को पराजित करना और अफगानिस्तान का राष्ट्र-निर्माण अमेरिका की नव-रूढ़िवादी विचारधारा लोकतंत्र को बढ़ावा देना और अंतर्राष्ट्रीय मामलों में हस्तक्षेप का अंग रहा था, जो स्पष्ट रूप से विफल रहा है। हालाँकि अमेरिका भले ही अफगान सरकार का साथ छोड़ दे और इससे बाहर निकल आए किंतु भारत यह जोखिम नहीं उठा सकता। उसे न केवल अपने निवेश की रक्षा करनी है बल्कि अफगानिस्तान को भारत विरोधी आतंकवादी समूहों के लिये एक और सुरक्षित आश्रय बनने से रोकना है। इसके साथ ही भारत को काबुल के ऊपर पाकिस्तान के प्रभाव में वृद्धि पर भी संतुलित नियंत्रण कायम रखना है।
डाॅ. रमेश प्रसाद कोल. भारत-अफगानिस्तान का राजनीतिक संबंध अतीत से वर्तमान. International Journal of Sociology and Political Science, Volume 3, Issue 2, 2021, Pages 27-30